Indications : It is useful in the treatment of hemiplegia, Paraplegia, facial paralysis & all types of vata disorders. Prolonged use of this medicine increases strength and stamina while significantly increasing Sapta dhatus.
Dosage : 1 to 2 tablets ( 125mg to 250 mg) in the morning and evening with milk or as directed by the physician
Packing : 5 and 10 tablets
Diet : Old rice , parwal, sahijan, brinjal, pomegranate, ghee , garlic, rock, salt , milk & heeng.
Avoid : Curd, fried & spicy food .
Caution : To be taken under medical supervision only
मात्रा / अनुपान : 1-1 गोली प्रातः सांय दिन में 2 बार मधु से चटाकर ऊपर से गाय का दूध पिलावे अथवा रोगानुसार |
गुणधर्म एवं उपयोग : यह योग शक्तिदायक और त्रिदोशनाषक है। वातरोग विशेषतया अर्दित, पक्षाघात, वीर्यविकार, हृदय तथा मस्तिष्क विकार, तथा रक्तचाप। मूत्रपिंड या वृक्क दोषों में भी रसराज रस का बहुत अच्छा प्रभाव होता है।
सहायक योग : महायोगराज गुग्गुल, महानारायण तेल।
पैकिंग : 5, 10 टेबलेट।