Indications : Rejuvenator, recommended in complicated
fever, poor appetite, loss of taste , stomach ache due to indigestion, back
ache, chest pain, cough , breathlessness, tuberculosis , skin diseases , throat problems , peritonitis, chronic diarrhoea, elephantiasis , fistula, piles , sinus and erectile dysfunction. It improves digestion, energy, intelligence, longevity, complexion and reproductive fluids . It also stimulates sexual desire and arrests premature hair graying and hair fall
Dosage : 125mg in the morning and evening or as directed by the physician
Packing : 1 and 2.5gm
मात्रा / अनुपान : 1-3 रत्ती तक मधु, मख्खन, मिश्री, मिश्री-मलाई दूध. पान-रस के साथ या रोगानुसार मात्रा एवं उचित अनुपान के साथ दे |
गुणधर्म एवं उपयोग : यदि मकरध्वज निर्माण काल में स्वर्ण 1 तौले की जगह 4 तौला डाल दिया जाय और इसके अतिरिक्त सभी अन्य क्रियाऐ यथावत की जाये तो यही सिद्धमकरध्वज कहलाता है जिसके समान सर्वरोग-नाशिनी महाऔषध संसार के किसी भी पैथी में नहीं है। | सर्वप्रथम भगवान शंकर ने बनाकर इसे सिद्धों को इसका सेवन कराया था अतः इसे सिद्धमकरध्वज कहते है। विद्वान एवं अनूभवी वैधों द्वारा इस औषध के प्रयोग से अगणित प्राणीयों को काल के मुंह से बचाया गया हैं। मरणसन्न रोगी को जब और किसी दवा से लाभ नहीं होता है तब यही सिद्धमकरध्वज उसके प्राण रक्षक होती है।
सहायक योग : कौंच पाक, बंग भस्म ।
पैकिंग : 1, 2.5 ग्राम।