Indications : Recommended in hysteria, epilepsy, tremors and sleeplessness. Also recommended in tingling sensation in the legs, insomnia hiccups, asthma , typhoid and pneumonia
Dosage : 1 tablet ( 125 mg) to be taken in the morning and evening with Dabur Balarishta or as directed by the physician
Packing : 10 tablets
Diet : Milk and barley
Avoid : Oil, chillies and dal
मात्रा / अनुपान : 1-1 टेबलेट दिन में 2 बार रोगानुसार उचित अनुपान
के साथ दें।
गुणधर्म एवं उपयोग : यह रसायन अपस्मार, मूर्च्छा , (बेहोशी) हिस्टीरिया,आक्षेपक, अपतानक, दण्डापतानक, धनुर्वात, पक्षाघात आदि वातरोग और सूतिकारोग-जन्य वातरोग आदि को नष्ट करता तथा मन को प्रसन्न करता और सन्निपात ज्वर में उपद्रव रूप से उत्पन्न प्रलाप (अक-बक करना), चित्तविभ्रम आदि उपद्रवों को दूरकर अच्छी नींद लाता है। वातरोगों तथा मानसिक एवं मस्तिक सम्बन्धी रोगों में उत्तम और शीघ्र लाभकारी महौषधि है।
इस रसायन का सबसे अधिक प्रभाव मस्तिक और वातवाहिनी नाड़ियों पर होता है। अतएव मानसिक आघात से उत्पन्न होने वाले रोगों में इसका बड़ा प्रभाव पड़ता है। इसी तरह आक्षेपजन्य विकारों में अर्थात् वातवाहिनी नाड़ियो में विकृति से रक्त का संचार ठीक-ठीक नहीं होने से शिराओं में खिचावट पैदा होने लगती है, तब धनुर्वात आदि रोग उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में वातकुलान्तक रस के उपयोग से ये सब दोष नष्ट हो जाते है, क्योंकि यह वातवाहिनी नाड़ियों की विकृति को दूर करता है, जिससे रक्त का संचार ठीक तरह से होने लग जाता है।
पैकिंग : 10 टेबलेट