Indications : It is beneficial in chronic cough. Also recommended in upper respiratory track infections
Dosage : 1 to 2 tablets to be taken twice a day or as directed by the physician
Packing : 10 and 25 tablets
Diet : Light digestible and nutritious food
Avoid : Red chillies , curd, tamarind, cold and fried food items
मात्रा / अनुपान : 1 से 2 गोली प्रातः सांय दिन में 2 बार या रोगानुसार अनुपान के साथ देवें
गुणधर्म एवं उपयोग : यह रसायन हृदय को बल देने वाला, हितकर और शक्ति बढ़ाने वाला है। श्वसन संस्थान पर इसका बहुत अच्छा प्रभाव होता है संचित कफ को निकालना और फेफड़े को सबल बनाना इसका प्रधान कार्य है। दमे के जिन रोगियों को रात दिन परेशानी रहती है उन्हें इसका सेवन अवश्य करना चाहिए। कठिन और पुरानी खांसी में इसका प्रयोग होता है। यह आन्त्र, यकृत, मूत्राशय तथा हृदय की क्रिया को ठीक करता है। बच्चों की कुक्कुर खांसी और शोथ रोग भी इससे ठीक हो जाता है। श्वास रोग में बहेड़े की मींगी का चूर्ण और मधु के साथ देना चाहिए। कास रोग में पिप्पली चूर्ण
और मधु के साथ अथवा आर्द्रक स्वरस और मधु के साथ देना चाहिए।
सहायक योग : सितोपलादि चूर्ण, कंटकारी घृत, चित्रक हरीतकी, पंचगुण तेल।
पैकिंग : 10, 25 टेबलेट।